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बिलकुल सही फरमाया आदरणीय!
मनुष्य अपने कष्ट का स्वयं कारण है।

2 Dec 2020 10:34 PM

राजा हितकारी वहीं,करे प्रजा का मान…….
जिन्हें हमने ही अपना राज़ पाट देख परख कर सौंपा है, तो वह वही करेगा जो करता आया है! जैसे नोटबंदी, एक देश एक टैक्स, तालाबंदी (लौकडाऊन) अब एक देश एक बाजार, मंडी तक पहुंचने का रास्ता बंद!आदि।हम अपने कष्ट को सह लेंगे किन्तु यदि हमारे नेता को किसी ने गलत कह दिया तो फिर भीड जाएंगे, और पानी पी पी के कोसते रहेंगे? और उसी का परिणाम है सरकार ने उसी किसान को कहीं का नहीं छोड़ा जो उसके लिए किसान से हिन्दू बन बैठा

यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति।

धन्यवाद !

हृदयतल से आभार आपका आदरणीय!?

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