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6 Feb 2021 04:29 AM

वाह बहन क्या कहने

16 Dec 2020 06:23 PM

एहसासों को जब कलम मिलती है तब शब्दो से कितने गहरे जज्बात बिखर जाते है। लेखिका जी इस रचना से तो आपने कमाल ही कर दिया। अद्वितीय

आपने मेरे लिए इतना कुछ लिखकर कमाल कर दिया । सप्रेम धन्यवाद ?

16 Dec 2020 02:16 PM

Wow

❤️ धन्यवाद सखी।? मित्रों का जीवन में अलग स्थान होता है और उनकी राय भी उतनी ही अहम होती है । सप्रेम धन्यवाद

16 Dec 2020 05:49 AM

वाह वाह.. क्या बात…
दिल के जज़्बातों को हूबहू कागज़ पर उतार कर रख दिया है। बहुत तड़प है इन रुबाईयों में।

उनके ख़तों को जलाकर देख लिया ,
उनकी यादों को भुलाकर देख लिया ,
उनकी तस्वीर को छुपाकर देख लिया ,
दिल से उनका ए़़हसास मिटता नहीं ,
ज़ेहन में जो बसी उनकी तस्वीर मिटती नहीं ,
आंखों में नींद नहीं उनके ख्व़ाब पलते हैं ,
सारी सारी रात हम बेचैन करवट बदलते रहते हैं ,
लगता है वो दिलो जाँ से बढ़कर रूह में समाए हैं ,
अब हमें इल्म़ हुआ वो किस क़दर अपने हैं ,
जिन्हें हमने समझा था के हो गए पराए हैं ,

श़ुक्रिया !

सुंदर

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