Comments (2)
2 Nov 2020 07:43 PM
दिल ने सदमे बहुत उठाएं हैं ,
आप लेकिन अभी पराए हैं ,
ज़ख्मी ज़ख्मी हो गए हैं दिलो जाँँ ,
तीर क्यों बेनिशांं चलाए हैं ,
श़ुक्रिया !
दिल ने सदमे बहुत उठाएं हैं ,
आप लेकिन अभी पराए हैं ,
ज़ख्मी ज़ख्मी हो गए हैं दिलो जाँँ ,
तीर क्यों बेनिशांं चलाए हैं ,
श़ुक्रिया !
आपने इतनी सारी किताबें लिखी हैं?