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हादसों के सिलसिले इतने देखे , के दिल अब पत्थर सा हो गया है ,
श़ुक्रिया !
हादसों के सिलसिले इतने देखे ,
के दिल अब पत्थर सा हो गया है ,
श़ुक्रिया !