You must be logged in to post comments.
जब भी चाहो एक नई सूरत बना लेते हैं लोग , एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग , कुछ हमदर्दी के , कुछ नए नेकनीयत , कुछ प्यार और वफ़ा के चेहरे , जिनके पीछे होते हैं खुदगर्जी , नापाक इरादे और बेवफ़ाई के बेमुरव्वत फ़रेबी चेहरे ,
श़ुक्रिया !
बहुत ख़ूब सादर आभार?
जब भी चाहो एक नई सूरत बना लेते हैं लोग ,
एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग ,
कुछ हमदर्दी के , कुछ नए नेकनीयत , कुछ प्यार और वफ़ा के चेहरे ,
जिनके पीछे होते हैं खुदगर्जी , नापाक इरादे और बेवफ़ाई के बेमुरव्वत फ़रेबी चेहरे ,
श़ुक्रिया !
बहुत ख़ूब
सादर आभार?