Comments (5)
2 Oct 2020 11:44 AM
वह हार गयी, सिर्फ वही नहीं हारी अपितु हम जैसे अनेकों पिता, भाई, और भावनाओं से जुड़े हुए हर कोई हार गये!
shreyash Sariwan
Author
3 Oct 2020 08:26 PM
जी… समस्त व्यक्ति शर्मिंदा हैँ.. क्योंकि कातिल अब तक जिन्दा हैँ.. ☹️
2 Oct 2020 11:19 AM
अति उत्तम ?????
shreyash Sariwan
Author
3 Oct 2020 08:26 PM
शुक्रिया मित्र. ?
मार्मिक अभिव्यक्ति आदरणीय।