Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (5)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

मार्मिक अभिव्यक्ति आदरणीय।

2 Oct 2020 11:44 AM

वह हार गयी, सिर्फ वही नहीं हारी अपितु हम जैसे अनेकों पिता, भाई, और भावनाओं से जुड़े हुए हर कोई हार गये!

3 Oct 2020 08:26 PM

जी… समस्त व्यक्ति शर्मिंदा हैँ.. क्योंकि कातिल अब तक जिन्दा हैँ.. ☹️

2 Oct 2020 11:19 AM

अति उत्तम ?????

3 Oct 2020 08:26 PM

शुक्रिया मित्र. ?

Loading...