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जब अंधेरा ना हो तो रोशनी क्या है कैसे जान पाते , जब गम का वजूद ना हो तो खुशी कैसे पहचान पाते , खुशी और गम जिंदगी के सिक्के के दो पहलू होते हैं, जिसमें वक़्त की गर्दिश में इंसांं उलझते संभलते रहते हैं।
श़ुक्रिया !
अरे वाह, बहुत सुंदर
जब अंधेरा ना हो तो रोशनी क्या है कैसे जान पाते ,
जब गम का वजूद ना हो तो खुशी कैसे पहचान पाते ,
खुशी और गम जिंदगी के सिक्के के दो पहलू होते हैं, जिसमें वक़्त की गर्दिश में इंसांं उलझते संभलते रहते हैं।
श़ुक्रिया !
अरे वाह, बहुत सुंदर