Comments (3)
11 Sep 2020 07:59 PM
सत्य वचन !
आजकल के दौर में बच्चे अपने माता पिता की जीते जी सेवा करने की बजाय उन्हें कष्ट देते रहते हैं। और उनकी मृत्यु के पश्चात् दिखावे के लिए श्राद्ध एवं तर्पण का नाटक करते हैं।
धिक्कार है ऐसी संतानों पर और समाज में फैली इस प्रकार की छद्मवेषी भावनाओं पर।
धन्यवाद !
Sudhir srivastava
Author
11 Sep 2020 09:23 PM
जी आँखो केसामने का चित्र है
बहुत सुंदर, “मात् मारि, पूजे तस्वीरा ।।”
धन्यवाद !