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खा के ठोकर फ़रेब -ए- इश्क़ में ,
हम समझे हैं सऱाब -ए – शब़ाब का असर ।
झूठे वादों का सबब , दश़्त- ए -तसव्वुर का सफर ।

श़ुक्रिया !

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