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हम इज़हार- ए- इश्क़ में इस कदर बदनाम हुए। तेरे दीदार की चाहत में भटकते तेरी गलियों में हम ऱुसवा हुए।
श़ुक्रिया !
Waah
हम इज़हार- ए- इश्क़ में इस कदर बदनाम हुए।
तेरे दीदार की चाहत में भटकते तेरी गलियों में हम ऱुसवा हुए।
श़ुक्रिया !
Waah