Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (3)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

मुझे लगता है या तो वह किन्नर है । या तो वह उन कुछ विशेष लोगों में से है जिनका शरीर तो पुरुष का होता है पर उनकी आत्मा स्त्री की होती है। उनके भाव भी स्त्री के प्रकार होते हैं। उन्हें स्त्री की तरह रहना और उनकी तरह कपड़े पहनना ओ सजना सवँरना पसंद होता है। इस तरह के उदाहरण समाज में देखने में आए हैं।

धन्यवाद !

4 Aug 2020 10:07 AM

यह संस्मरण आश्चर्य पैदा करता है, यूं तो मरीज को पर्ची बनानी होती है जिसमें उसके लिंग का विवरण रहता है, फिर भी यदि वह सब नहीं किया गया, तो भी महिला-और पुरुष में कुछ अन्य असमानता भी होती हैं, पहनावे के अतिरिक्त चाल-ढाल और शारीरिक बनावट आदि, फिर भी पता नहीं चल पाया हो तो, आश्चर्यजनक तो है ही, श्रीमान जी,सादर प्रणाम।

4 Aug 2020 11:06 AM

सही पकड़े हैं , आपका कथन तर्कसंगत है , पर अपनी इस भूल से पाठकों को गुदगुदाना था । वैसे मेरे कुछ सम्मानित मरीज़ बिना लिंग भेद के किन्नर भी हैं ।

Loading...