कोरोना के इलाज के नाम पर खुली लूट चल रही है।
कोरोना एक नए धंधे का विकल्प बन गया है। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। आदमी कोरोना से मरे या ना मरे डॉक्टर के बिल से जरूर मर जाएगा।
देश की सरकार कोरोना नियंत्रण में पूर्णतःअसफल है। लॉकडाउन से समस्या का हल नहीं होने वाला।
कोरोना वायरस जीवन का एक हिस्सा बन गया है हमें इस वायरस के साथ नियंत्रण में जीना सीखना पड़ेगा तभी हम इसके प्रभाव को कम कर सकेंगे।
कोरोना वायरस जितना अधिक संक्रमण करेगा उतना ही उसका प्रभाव कम होता जाएगा और एक अवस्था आएगी जब यह निष्क्रिय हो जाएगा।
एक कटु सत्य को हमें स्वीकार करना पड़ेगा।
देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के चलते पहले से ही निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। अधिक दिनों के लिए लॉक डाउन करने पर आर्थिक व्यवस्था चौपट हो जाएगी और अराजकता फैलेगी जिसे नियंत्रित करना दुष्कर होगा ।
कोरोना के इलाज के नाम पर खुली लूट चल रही है।
कोरोना एक नए धंधे का विकल्प बन गया है। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। आदमी कोरोना से मरे या ना मरे डॉक्टर के बिल से जरूर मर जाएगा।
देश की सरकार कोरोना नियंत्रण में पूर्णतःअसफल है। लॉकडाउन से समस्या का हल नहीं होने वाला।
कोरोना वायरस जीवन का एक हिस्सा बन गया है हमें इस वायरस के साथ नियंत्रण में जीना सीखना पड़ेगा तभी हम इसके प्रभाव को कम कर सकेंगे।
कोरोना वायरस जितना अधिक संक्रमण करेगा उतना ही उसका प्रभाव कम होता जाएगा और एक अवस्था आएगी जब यह निष्क्रिय हो जाएगा।
एक कटु सत्य को हमें स्वीकार करना पड़ेगा।
देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के चलते पहले से ही निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। अधिक दिनों के लिए लॉक डाउन करने पर आर्थिक व्यवस्था चौपट हो जाएगी और अराजकता फैलेगी जिसे नियंत्रित करना दुष्कर होगा ।
धन्यवाद !