समस्या का हल इतना सरल नहीं है जितना आपको लगता है। इन डॉक्टरों की सांठगांठ शासकीय अधिकारियों से लेकर नेताओं तक है। और समय-समय पर ये उन्हें खुश करते रहते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी पाई जाती है शासकीय अस्पतालों की दशा शोचनीय है। डॉक्टर की उपस्थिति इन अस्पतालों में अनियमित है। डॉक्टरों की भी मरीजों के इलाज में रुचि नहीं है वे केवल अपनी नौकरी बजाना जानते हैं। जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के तत्वों को प्रोत्साहन मिलता है। यह एक गंभीर चिंतन का विषय है। इस हेतु हमें ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था पर चिंतन कर उच्च स्तर पर प्रयास करने होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा संसाधनों के विकास की योजना बनाने होगी। तभी इस समस्या का उचित हल संभव हो सकता है।
समस्या का हल इतना सरल नहीं है जितना आपको लगता है। इन डॉक्टरों की सांठगांठ शासकीय अधिकारियों से लेकर नेताओं तक है। और समय-समय पर ये उन्हें खुश करते रहते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी पाई जाती है शासकीय अस्पतालों की दशा शोचनीय है। डॉक्टर की उपस्थिति इन अस्पतालों में अनियमित है। डॉक्टरों की भी मरीजों के इलाज में रुचि नहीं है वे केवल अपनी नौकरी बजाना जानते हैं। जिसके फलस्वरूप इस प्रकार के तत्वों को प्रोत्साहन मिलता है। यह एक गंभीर चिंतन का विषय है। इस हेतु हमें ग्रामीण चिकित्सा व्यवस्था पर चिंतन कर उच्च स्तर पर प्रयास करने होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा संसाधनों के विकास की योजना बनाने होगी। तभी इस समस्या का उचित हल संभव हो सकता है।
धन्यवाद !