Comments (8)
29 Jul 2020 09:08 PM
हस्ती तेरी हबाब़ की सी है।
ये नुमाइश स़राब़ की सी है ।
चश्म -ए – दिल खोल इस आलम पर।
याँ की औक़ात ख्व़ाब सी है।
श़ुक्रिया !
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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22 Aug 2020 05:08 PM
अति उत्तम
28 Jul 2020 09:29 PM
बहुत उम्दा आदरणीय
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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22 Aug 2020 05:08 PM
शुक्रिया जनाब आपका
28 Jul 2020 05:04 PM
खूबसूरत सृजनपथ
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
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28 Jul 2020 05:06 PM
शुक्रिया जी
बहुत सुंदर रचना
आभार आपका