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बहुत सुंदर रचना

हस्ती तेरी हबाब़ की सी है।
ये नुमाइश स़राब़ की सी है ।
चश्म -ए – दिल खोल इस आलम पर।
याँ की औक़ात ख्व़ाब सी है।

श़ुक्रिया !

28 Jul 2020 09:29 PM

बहुत उम्दा आदरणीय

शुक्रिया जनाब आपका

28 Jul 2020 05:04 PM

खूबसूरत सृजनपथ

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