सच्ची बात करता हूं सच का साथ देता हूं।
झूठ से है गुरेज़ मुझे हकीकत बयां करता हूं।
जमीर मेरा बुलंद है खुदगर्जी मुझे नापसंद है।
हैसियत का कभी गुरुर नहीं किया , दिखावा कभी पसंद नहीं किया।
तकदीर से कभी गिला नहीं किया।
जो भी मिला उसे खुदा की नेमत मान लिया।
मुझे किसी चारागर की तलाश नहीं ,अपने ज़ख्म़ों का मुदावा खुद कर लिया।
सच्ची बात करता हूं सच का साथ देता हूं।
झूठ से है गुरेज़ मुझे हकीकत बयां करता हूं।
जमीर मेरा बुलंद है खुदगर्जी मुझे नापसंद है।
हैसियत का कभी गुरुर नहीं किया , दिखावा कभी पसंद नहीं किया।
तकदीर से कभी गिला नहीं किया।
जो भी मिला उसे खुदा की नेमत मान लिया।
मुझे किसी चारागर की तलाश नहीं ,अपने ज़ख्म़ों का मुदावा खुद कर लिया।
श़ुक्रिया।
वाह वाह वाह क्या बात है!!