Comments (6)
25 Jul 2020 11:49 AM
संतुष्टि का बोध, यही तो नहीं हो पा रहा है, लगे हैं अंधी दौड़ में,सब कुछ ताक पर रख कर।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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25 Jul 2020 12:34 PM
बैठे हैं किनारे पर, कभी तो लहर आएगी। आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर।
25 Jul 2020 08:08 AM
संतोष ही जीवन का सबसे बड़ा सुख है।
शांति के बिना जीवन में दुःख ही दुःख हैंं।
धन्यवाद !
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
25 Jul 2020 08:34 AM
आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर
सच का आइना
Thanks