Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

इस भरी दुनिया में कोई भी हमारा ना मिला
गैर तो गैर थे अपनों का सहारा ना मिला
इस जिंदगी के सफ़र में हम अकेले ही रहे
जिंदगी हमें आजमाती रही
हम जिंदगी को आजमाते रहे।

श़ुक्रिया !

Yahan gair kaun aur apna kaun kahna mushkil hi
Dhanyawad

Loading...