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पास बैठो तबियत बहल जाएगी। मौत भी आ गई हो तो टल जाएगी। धार काजल कि तुम और तीखी करो। मांग होठों की मीठी हंसी से भरो। इस अंधेरे में एक शम्माँँ जल जाएगी। रोशनी से ये जिंदगी भर जाएगी।
श़ुक्रिया !
आभार आपका Shyam जी!
पास बैठो तबियत बहल जाएगी।
मौत भी आ गई हो तो टल जाएगी।
धार काजल कि तुम और तीखी करो।
मांग होठों की मीठी हंसी से भरो।
इस अंधेरे में एक शम्माँँ जल जाएगी।
रोशनी से ये जिंदगी भर जाएगी।
श़ुक्रिया !
आभार आपका Shyam जी!