Comments (4)
15 Jul 2020 02:47 PM
Vr nice
Bimal Rajak
Author
15 Jul 2020 04:17 PM
धन्यवाद।।
कलियुग में पाप का घड़ा भर चुका है।
भरकर छलकने लगा है।
अब भी पाप रुका नहीं तो न जाने कब पाप के भार से यह घड़ा फूट जाए।
फिर तो ऐसी विनाश लीला मचे कि यह पृथ्वी जो अब तक स्वर्ग तुल्य प्रतीत होती है ,
विनाश के गर्त में डूब कर रसातल को प्राप्त हो जाए।
धन्यवाद !
बिल्कुल इसमें कोई शक नहीं है।।।
धन्यवाद।