Comments (4)
13 Jul 2020 07:23 PM
रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का सामान हो गए।
आप से फिर तुम हुए फिर तू का उनवान हो गए।
जो कभी पैरोकार हुआ करते थे अब हाकिम बन गए।
श़ुक्रिया !
रफ्ता रफ्ता वो मेरी हस्ती का सामान हो गए।
आप से फिर तुम हुए फिर तू का उनवान हो गए।
जो कभी पैरोकार हुआ करते थे अब हाकिम बन गए।
श़ुक्रिया !
अच्छी है ।
धन्यवाद!
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