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Comments (12)

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आज जाने की जिद ना करो।
यूं ही पहलू में बैठे रहो।
आज जाने की जिद ना करो।
तुम ही सोचो जरा क्यों ना रोकेंं तुम्हें।
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम।
तुमको मेरी कसम जाने जाँँ।
बात इतनी जरा मान लो।
आज जाने की जिद ना करो।
वक्त की कैद में जिंदगी है मगर।
चंद घड़ियां यहींं है जो आजाद हैं।
इनको खोकर न तुम जाने जाँँ।
उम्र भर ना तरसते रहो ।
आज जाने की ज़िद ना करो।
कितना रंगी ये समाँँ आज की रात है।
हुस्न और इश्क की आज मेराज है।
रोक लो आज की रात को।
आज जाने की जिद ना करो।

श़ुक्रिया !

vasu Author
14 Jul 2020 10:24 AM

बहुत खूब सर ।

आपका शुक्रिया ?

बहुत खूबसूरत।

vasu Author
12 Jul 2020 10:57 PM

आपका शुक्रिया ?

बहुत सुन्दर रचना

vasu Author
12 Jul 2020 04:29 PM

आपका शुक्रिया सर ?

11 Jul 2020 10:27 PM

बहुत खूब लाजवाब

vasu Author
12 Jul 2020 10:23 AM

आपका शुक्रिया सर ?

11 Jul 2020 06:43 PM

वेदनायुक्त प्रस्तुति ।

vasu Author
11 Jul 2020 07:32 PM

शुक्रिया आपका ?

11 Jul 2020 02:14 PM

दर्द की दास्तान की सुंदर प्रस्तुति
Very nice

vasu Author
11 Jul 2020 03:18 PM

आपका शुक्रिया ?

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