Comments (12)
12 Jul 2020 03:58 PM
बहुत सुन्दर रचना
11 Jul 2020 10:27 PM
बहुत खूब लाजवाब
11 Jul 2020 02:14 PM
दर्द की दास्तान की सुंदर प्रस्तुति
Very nice
बहुत सुन्दर रचना
बहुत खूब लाजवाब
दर्द की दास्तान की सुंदर प्रस्तुति
Very nice
आज जाने की जिद ना करो।
यूं ही पहलू में बैठे रहो।
आज जाने की जिद ना करो।
तुम ही सोचो जरा क्यों ना रोकेंं तुम्हें।
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम।
तुमको मेरी कसम जाने जाँँ।
बात इतनी जरा मान लो।
आज जाने की जिद ना करो।
वक्त की कैद में जिंदगी है मगर।
चंद घड़ियां यहींं है जो आजाद हैं।
इनको खोकर न तुम जाने जाँँ।
उम्र भर ना तरसते रहो ।
आज जाने की ज़िद ना करो।
कितना रंगी ये समाँँ आज की रात है।
हुस्न और इश्क की आज मेराज है।
रोक लो आज की रात को।
आज जाने की जिद ना करो।
श़ुक्रिया !
बहुत खूब सर ।
आपका शुक्रिया ?