Comments (3)
11 Jul 2020 10:34 AM
जिंदगी में बहार तुम्हारे दम से है।
बेक़रार दिल को क़रार तुम्हारे दम से है।
राज़ -ए- उल्फ़त का ज़ाहिर तुम्हारे ख़म से है।
हम दिल तुम पर क्यों हार बैठे ए़़हसास चश्मे नम़ से है।
श़ुक्रिया !
11 Jul 2020 10:36 AM
Shukriya Shyam ji
बहुत खूब