सुंदरता आकर्षित करने का गुण है। जबकि कुरूपता विकर्षण का कारण है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है कि मनुष्य प्राथमिक रूप में सुंदरता की ओर आकर्षित होता है और और कुरूपता उसे विकर्षित करती है। परंतु जब वह अंतर्निहित गुणों का विश्लेषण करता है तब वास्तविकता से परिचित होता है। यहां मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि जरूरी नहीं कि हर सुंदर चेहरे के पीछे बुरा व्यक्ति छुपा हो और इसी प्रकार हर कुरूप चेहरे के पीछे अच्छा व्यक्ति हो। व्यक्तिविशेष के गुणों का आधार उसके चरित्र के अंतर्निहित संस्कारों होते हैंं। जो उसके आचार , विचार और व्यवहार को प्रभावित करते हैं।
अतः सुंदरता एवं कुरूपता किसी व्यक्ति विशेष के आकलन के मापदंड कदापि नहीं हो सकते है।
समाज में व्याप्त इस तरह की मानसिकता के प्रवृत्त मापदंड में परिवर्तन के प्रयास करना आवश्यक है।
धन्यवाद !
विस्तृत समीक्षा के लिए बहुत आभार ?
बहुत सुंदर ।
धन्यवाद!
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