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बहुत खूब। इंसान की फितरत है कि वह आस नही छोड़ता।फिर उठ खड़ा होता है एक नए रास्ते की तलाश मे।
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बहुत अच्छा??
धन्यवाद ?? लगभग सभी की भावनाएं एक ही होती है , लिखने का तरीका अलग होता है और अनुभव ।
सत्य कहा आपने
बहुत खूब।
इंसान की फितरत है कि वह आस नही छोड़ता।फिर उठ खड़ा होता है एक नए रास्ते की तलाश मे।
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