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अत्यंत मार्मिक कथा प्रस्तुति।
दरअसल इस प्रकार का व्यवहार कुछ पुरुषों में पाया जाता है। जो एक जन्मजात होता है। इसका कारण पुरुष हार्मोन की अपेक्षा स्त्री हार्मोन की अधिकता होती है। जिसके फलस्वरूप उनके आचार एवं व्यवहार में पुरुष प्रधान गुणों के साथ साथ स्त्री प्रधान गुण भी दृष्टिगोचर होते हैं। यह एक असामान्य अवस्था है जिसमें पुरुषोचित गुणों का अभाव होता है।
शारीरिक दृष्टि से इस प्रकार के व्यक्ति पूर्ण पुरुष होते हैं। परंतु ये मानसिक द्वंद्व में जीवन जीते हैं। यह अत्यंत कष्ट पूर्ण अवस्था है। कभी-कभी ये पुरुष की तरह व्यवहार करते हैं तो कभी-कभी इनमें नारी गुण
परिलक्षित होते हैं। इस प्रकार के व्यक्ति दया एवं सद्भावना के पात्र हैं इन्हें हेय दृष्टि से नहीं देखना चाहिए।

धन्यवाद !

29 Jun 2020 09:43 PM

सुंदर समीक्षा के लिए बहुत आभार ?

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