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लोगों का क्या है उनकी फितरत ही ऐसी है। अभी तो ऐसी थी अब न जाने कैसी कैसी है।।खुदा खैर करे हम जैसे है वैसे ही रहें हमेशा।फ़िज़ां मगर ए मेरे दोस्त मुकरने जैसी है।।
लोगों का क्या है उनकी फितरत ही ऐसी है। अभी तो ऐसी थी अब न जाने कैसी कैसी है।।खुदा खैर करे हम जैसे है वैसे ही रहें हमेशा।फ़िज़ां मगर ए मेरे दोस्त मुकरने जैसी है।।