Bht hi umda vishleshan
धन्यवाद !
श्याम सुंदर जी, आत्महत्या पर आपका विश्लेषण बहुत ही उपयुक्त है, और इन्ही विषादो के कारण मनुष्य इस नियति को ही समाधान मानकर ऐसा निर्णय ले लेता है, फिर भी एक तरह से वह पूर्णतया दोषी नहीं होता है हालात, परिस्थितियां भी उसे ऐसा करने को प्रेरित करती हैं और समाज उसे उसकी निजता में दखल ना देने के बहाने उसे सहलाने का प्रयास नही करता, और कभी कभी तो उसे जानबूझकर उस ओर धकेलने की चेष्टा भी करता है, ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए जो उकसाने का काम करते हैं।
सत्य वचन !
जब व्यक्ति अपनी व्यथा का चिंतन स्वयं ही करने लगते है तब नकारात्मक परिणाम ही देखने को मिलता है ।
साधुवाद!
सत्य वचन !
Introvert people can’t express themselves,,,well said
They are composed within themselves unable to express their woes which lead them to a state of self pity and guilty conscious feeling of not able to fight against injustice and control the situation due to sheer helplessness leading them to a depressed state of mental conditon challenging their own existence in the materialistic world and extreme negativity of emotions. Which tempts them end their own life with an iota of revenge against the people responsible for leading them to such an extreme drastic step.
सुन्दर अभिव्यक्ति
धन्यवाद !
आपको और आपकी कलम को नमन
प्रोत्साहन का साधुवाद !