You must be logged in to post comments.
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें । यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबाहें ।
श़ुक्रिया !
waah!
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें ।
यूँही कब तलक ख़ुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबाहें ।
श़ुक्रिया !
waah!