आपका कथन सत्य है कि जातिवाद का जहर संपूर्ण भारत में फैल चुका है। जातिवाद को आधार बनाकर वोट बैंक राजनीति ने इसे फैलाने में अहम् भूमिका निभाई है। राजनीति में दोहरे मापदंड के चलते यह एक दुरूह समस्या बन चुकी है। राजनेता जातिवाद को मुद्दा बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। दलितों के उत्थान के नाम पर सरकारी खजाने की लूट चल रही है इसका लाभ केवल राजनेताओं एवं उनके पिछलग्गुओं को हो रहा है। दलितों की स्थिति जैसी की तैसी है उसमें कोई सुधार नहीं है। उनकी स्थिति दयनीय से बदतर शोचनीय हो गई है।
जब तक समाज में चेतना जागृत नहीं होगी और इन छद्मवेशी नेताओं का पर्दाफाश नहीं होता तब तक कुछ भी परिवर्तन संभव नहीं है।
आपका कथन सत्य है कि जातिवाद का जहर संपूर्ण भारत में फैल चुका है। जातिवाद को आधार बनाकर वोट बैंक राजनीति ने इसे फैलाने में अहम् भूमिका निभाई है। राजनीति में दोहरे मापदंड के चलते यह एक दुरूह समस्या बन चुकी है। राजनेता जातिवाद को मुद्दा बनाकर अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। दलितों के उत्थान के नाम पर सरकारी खजाने की लूट चल रही है इसका लाभ केवल राजनेताओं एवं उनके पिछलग्गुओं को हो रहा है। दलितों की स्थिति जैसी की तैसी है उसमें कोई सुधार नहीं है। उनकी स्थिति दयनीय से बदतर शोचनीय हो गई है।
जब तक समाज में चेतना जागृत नहीं होगी और इन छद्मवेशी नेताओं का पर्दाफाश नहीं होता तब तक कुछ भी परिवर्तन संभव नहीं है।
धन्यवाद !
शुक्रिया जनाब