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ऱूदादे दिल की दास्ताँँ हम सुनाते रहे उन्हें श़ामों स़हर।
अश्क़ उनके रोकने से भी न रुके बहते रहे इस कदर।

श़ुक्रिया !

vasu Author
4 Jun 2020 05:51 PM

आपका शुक्रिया ?

3 Jun 2020 07:50 PM

बहुत बढ़िया जी

vasu Author
4 Jun 2020 12:23 PM

शुक्रिया आपका ?

बहुत सुंदर प्रस्तुति ?

vasu Author
3 Jun 2020 07:09 PM

शुक्रिया आपका ?

3 Jun 2020 02:26 PM

मार्मिक प्रस्तुति।

vasu Author
3 Jun 2020 07:09 PM

शुक्रिया आपका ?

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