Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

तेरी ज़ुल्फों से जुदाई तो नहीं मांगी थी।
कैद मांगी थी रिहाई तो नहीं मांगी थी।
मैंने क्या जुर्म किया आप खफा हो बैठे।
प्यार मांगा था खुदाई तो नहीं मांगी थी।
मेरा हक था तेरी आंखों की छलकती मय़ पर।
चीज अपनी थी पराई तो नहीं मांगी थी।
अपने बीमार पर इतना भी स़ितम ठीक नहीं।
तेरी उल्फ़त में बुराई तो नहीं मांगी थी।

श़ुक्रिया !

vasu Author
4 Jun 2020 12:24 PM

शुक्रिया आपका ?

Loading...