आपके कथन से मैं पूर्णतः सहमत हूं कि सरकार सुनियोजित तरीके से कोरोना के विरुद्ध प्रबंधन में पूर्णतः असफल रही है। केवल लॉक डाउन कर देने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला अपितु विभिन्न स्तरों पर कोरोना से लड़ने के लिए प्रबंध करने पड़ेंगे।
लॉक डाउन से अर्थ व्यवस्था चरमरा कर निचले स्तर पर पहुंच चुकी है। सरकार एवं मीडिया ने लोगों में आत्मविश्वास जगाने की स्थान पर डर पैदा कर दिया है जो लोगों में नकारात्मक भाव उत्पन्न करने का मुख्य कारण है। जनसाधारण में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। लोग भविष्य की चिंता एवं बेरोजगारी के चलते अवसाद के शिकार हो रहे हैं। सरकार द्वारा इस हेतु कोई ठोस कदम ना उठाने के कारण गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। देश में अराजकता फैलने की संभावनाएं हैं। मजदूरों के पलायन से उद्योग धंधों में श्रमिकों के अभाव से उत्पन्न स्थिती से उत्पादन पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ रहा है। जिसका कोई योजनाबद्ध हल सरकार के पास नहीं है । कोरी घोषणाओं और आश्वासन से कुछ हल नहीं निकलने वाला। समस्त राजनीतिक दलों को दलगत राजनीति से उठकर एकजुट होकर शासन के साथ इस विषय में विचार विमर्श कर राष्ट्रहित में कठोर निर्णय लेने होंगे। तभी देश का कल्याण संभव हो सकेगा।
धन्यवाद !
Thanks sir
बेमिसाल सृजन ।