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चाहतों के महल ना बनाओ टूट कर बिखर जाएंगे। ख्व़ाबों को ना पालो वक़्त की ग़र्दिश में टूट कर रह जाएंगे।
श़ुक्रिया !
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चाहतों के महल ना बनाओ टूट कर बिखर जाएंगे।
ख्व़ाबों को ना पालो वक़्त की ग़र्दिश में टूट कर रह जाएंगे।
श़ुक्रिया !
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