Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
22 May 2020 01:10 PM

बिल्कुल सत्य विचार है। जिस प्रकार जीवन में सुख – दुख हमारा साथी है ठीक उसी प्रकार विकार भी हमारे अंदर विराजमान रहता है ये हम पर निर्भर है कि हम परिस्थितियों को कैसे संभालते है।।

22 May 2020 09:39 PM

बिल्कुल सही।

Loading...