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18 May 2020 11:42 PM

श्याम सुंदर जी, यह मेरे चचेरे भाई भी हैं और मित्र भी, साथ साथ पढ़े,खेले, वैवाहिक जीवन में भी एक पखवाड़े का ही अंतराल है, संघर्ष पर पर संघर्ष साझा रहा है, लेकिन अंतिम समय में एक दूसरे से हजारों मिल दूर रहने से उसके पास नहीं था, इसका अफसोस ताउम्र बना रहेगा।ओम शांति ओम शांति!

18 May 2020 11:36 PM

अमन जी, यह मेरे मित्र ही नहीं अपितु चचेरे भाई भी हैं, तथा हम उम्र भी, बहुत सारी यादें हैं,बस यादें शेष है।

18 May 2020 11:34 PM

धन्यवाद उमा जी, अपने मृतक बंधु से हजारों मिल दूर, सिर्फ श्रद्धांजलि ही दे सका, अफसोस रहेगा।।

सुंदर भावपूर्ण श्रृद्धा सुमन अर्पण।
ईश्वर आपके दिवंगत मित्र की आत्मा को शांति दे ।

ॐ शांति !

18 May 2020 07:36 PM

सब मुसाफिर अपने अपने स्टेशन पर रुकते जा रहे,जो लंबे सफर पर हैं वो यादें बुनते जा रहे हैं✍️ साथियों के साथ बिताए पल अनमोल हैं,भगवान आपके मित्र की आत्मा को शांति दे?

18 May 2020 06:34 PM

सुन्दर श्रध्दांजलि का अर्पण ।
धन्यवाद

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