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Comments (14)

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किसी कवि की संवेदना को आत्माविहीन कहना एक कवि ह्रदय का अपमान है। कवि अपनी आत्मा की आवाज को कविता में प्रस्तुत करता है। जिससे उसकी आवाज लोगों तक पहुंचे और उनमें मानवीय संवेदना का संचार हो। कोई भी सच्चा कवि वाहवाही का भूखा नहीं होता है । इस प्रकार की टिप्पणी एक कवि से अपेक्षित नहीं है।

प्रथम तो आप उत्तर हिंदी लिपि में दें।
कवि अपनी संवेदना को ही कविता में प्रस्तुत करता है। यदि आप किसी कवि की प्रस्तुति से सहमत नहीं है तो अपना विचार प्रकट करने में सक्षम है । परंतु समस्त कवियों को एक ही श्रेणी में लाकर उनका संपूर्ण मूल्यांकन करना उचित नहीं है। कृपया इस प्रकार की मानसिकता जो एक भीड़ की मनोवृत्ति का परिचायक है से बचने का प्रयास करें।

22 May 2020 11:54 AM

sir muje maaf kijiye ki bado se tark karna achi bat nahi hai..par fon pe hum google input se nahi typ kar pate… sir sarthak likha jana chahiye.. kavitaye jo andar tak jhajhod deti hai… baki aj jo hajaro kavitaye majdooro ki bebasi pr bulk me post ho rahi hai fb etc par.. lagta hai jese bas post krne ke lie hi likhi jati hai.. maaf kijiye sir..hum to naye naye hi hai lekhan me…par shabdo ki fijool tukbandi ko kavita nahi kah sakte.. khaskar itne dukhad muddo par..

17 May 2020 04:20 PM

जी बेहतरीन रचना??

परन्तु कविताएँ जनता को जागरूक करने के लिए लिखी जाती हैं या मन के भावों को व्यक्त करने के लिए।
इस टिप्पणी के लिए छमाप्रार्थी हूँ

22 May 2020 01:54 PM

दोस्त देखो कुछ लोग हैं जो इन दुर्घटनाओं को गलत पेश कर रहे हैं
आप कुछ को कहती तो मुझे बुरा नहीं लगता पर आपने सभी कवियों को गलत कहा अपनी रचना में इसलिए बोला

दूसरी बात अभी आपने फिर कहा दुर्घटना पर लिखना गलत है तो ज़िन्दगी में mostly दुर्घटनाएं ही होती हैं और अगर दुर्घटनाओं पर लिखना छोड़ दिया जाए तो लोगों को जागरूक कैसे करेंगे ।

और फिर वेसे भी जब कोई चीज़ किसी को पसन्द नही होती तो वो उसमे कमियाँ निकालता है।
जैसे कि आपने आपने ख़ुद को कहा कि आप कवि नही है इसलिए आपने कवियों पर ये व्यंग किया

22 May 2020 01:56 PM

और सही मायने में यहिं है दोस्त की आज हम जो भी पढ़ते हैं किताबों में वो सब पुराने समय या इतिहास में हुई दुर्घटनाएं ही होती हैं और अगर उन दुर्घटनाओं के बारे में न लिखा जाता तो आज हम अशिक्षित होते

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