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Comments (4)

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18 May 2020 11:31 PM

विराज जी, आपने सराहा, धन्यवाद! साथियों से प्रोत्साहन मिलने पर, और अधिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है, जिसे पूर्ण करना,मुझ जैसे व्यक्ति के लिए कठिन कार्य है, फिर भी मैं प्रयास करने की कोशिश करुंगा, धन्यवाद!

18 May 2020 11:26 PM

प्रसाद जी, आपकी प्रशंसा से तो, और अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है, आभार प्रकट करता हूं।

16 May 2020 09:13 PM

बहुत ही प्रशंसनीय रचना है आपकी उत्तम प्रस्तुति

घुमड़ रहा है आक्रोश मन में
वह खुल कर रोया नहीं है
रह रह कर निकलती है कराह
आह नोट बंदी ,आह जी एस टी।

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