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1 Jun 2020 07:10 AM

संवेदनशील है, नमन।

1 Jun 2020 08:56 AM

धन्यवाद !

16 May 2020 04:44 PM

श्याम सुंदर जी,यह तो आपकी निजी जीवन का प्रसंग सामने आया है, जमाने में दुष्ट और कुटिल लोगों की कभी तो कभी नहीं रही, मुझे भी एक और किस्सा याद है, वह सज्जन घोड़े से अपनी जिवीका का उपार्जन करते थे, तथा अपने इस साथी से बहुत प्यार भी करते रहे, लेकिन कुछ लोगों को यह मजाक लगता था, उन्होंने उसकी परिक्रमा लेने का नाटक किया, और कहा उसके घर से संदेश आया है, घर पर बच्चा बिहार है, वह घर जाने लगा तो, घोड़े को खोल रहा था, साथियों ने उसे समझाया कर परसों तक लौट आना है, इसे यहां छोड़ जाओ,हम ख्याल रखेंगे, उसने भरोसा किया और चला गया, साथियों ने घोड़े को वह खाना नहीं दिया, जो उसके लिए रखा था,घोड़ा भुखा रहा, और जब मालिक लौटा तो,वह उसे देख, देख कर आंसू बहाने लगा, उसने दाना पानी दिया तो वह खाता रहा और मालिक को निहारता रहा, तब उनमें से एक अन्य साथी ने उसे बताया कि कैसे उसका दाना उसे ना देकर घास दे दिया था, और वह भूखा रहा,ना पानी पिया,बस एक टक तुम्हें ढूंढता रहा, यह घटना उसने मुझे बताई थी,वह मेरा भी प्रेमी था, और काम करने के लिए मेरे गांव में ही आया हुआ था, और उसने उसे जीवन पर्यन्त अपने साथ रखा, और सुखद या दुखद यह रहा कि दोनों की मृत्यु भी एक दो दिन के अंतराल में ही हो गई।बस आपके प्रसंग से स्मरण हो आया है।

16 May 2020 08:53 PM

जानवर का मनुष्य से प्रेम निश्छल एवं पवित्र होता है। जिसे अनुभव से ही जाना जा सकता है।
जानवर में भी मानवीय संवेदना देखी जा सकती है।

धन्यवाद !

16 May 2020 03:26 PM

लालच कभी किसी को नहीं छोड़ता है सबको निगल जाता है ।
धन्यवाद

16 May 2020 08:57 PM

धन के लालच में मनुष्य संवेदनहीन हो जाता है।

धन्यवाद !

आज के समय मे किसी का पता नहीं है कब कोई भरोसा तोड़ दे।

16 May 2020 09:00 PM

धन का लालच बड़े-बड़े भरोसोंं को तोड़कर रख देता है।

धन्यवाद !

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