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16 May 2020 12:41 PM

हां, ठीक कहा आपने,छले तो हम ही जाते हैं

सभी एक जैसे है। जनता तो हमेशा से ही छली जाती रही हैं।

15 May 2020 01:03 PM

अमन जी,हम तो नागरिक हैं,जो सरकार अच्छा करे,हम तो उसके पक्ष में ही होंगे, किसी पार्टी से अब मोहभंग हो जाता है तो दुसरी पर उम्मीद करके छले जाते हैं, मिडिया को करता दोष दें, वह वहां पर कारोबार करने को बैठे हैं,जिसकी सरकार उसकी जी हजूरी,तब ही तो बैंक बैलेंस बढ़ेगा, और कोई सवाल करता भी है,या दिखाने का प्रयास करता भी है तो सरकार के वह तंत्र जो जन सेवा के लिए हैं,वहीं उन्हें मर्यादा का पाठ पढ़ाने आ जाते हैं, तो वह भी अपनी रोजी-रोटी के लिए आंखें बन्द कर दिया करते हैं।कैसी भी दल हो, भरोसा नहीं रहा,बस काम चलाऊ की धारणा यह गयी है, और भक्तों का जुगाड, भक्तों की धमकी, भक्तों की गाली, कौन सहे।

15 May 2020 12:47 PM

धन्यवाद श्याम सुन्दर जी, हां प्रश्र करने का ही अधिकार तो रह गया है, समाधान तो उन्हीं के पास है, करें,ना करें, उनकी इच्छा।

शासन व्यवस्था पर कुठाराघात करती हुई प्रश्नवाचक प्रस्तुति।

धन्यवाद !

15 May 2020 12:19 PM

सत्य कहा जी✍️हम लोगों को इन्होंने आज़ाद मुल्क में गुलाम बना लिया है,जब इन अक्ल के अंधों को पता था दिसंबर से चीन में ये चल रहा तो इन्होंने लोगों को जागरूक क्यों नही किया क्यों नही कहा उनसे के अपना राशन पानी जमा करिये हम 15 20 ya महीने बाद lockdown कर सकते है,नोटबंदी भी रात को की lockdown भी,इनसे पूछे हम गुलाम है क्या लोगों का हक़ नही अपनी तैयारी करने का मोदी जी हीरो बन ने के चक्कर में देश को बड़ी मुसीबत में फेंकते है हर बार but कोई कटरबाद बोलने नही देता सब बिका पढ़ा मिडिया भी मैं kisi सियासी नेता या party को पसंद नही करता क्योंकि सब मूरख बना रहे लोगों को लोग बन रहे कोई धर्म के नाम पर,कोई शोहरत के नाम पर✍️

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