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17 Jan 2022 02:14 AM

सुन्दर रचना।

अर्द्ध सत्य!

12 May 2020 08:16 PM

अच्छी कविता ।
धन्यवाद

समाज में आधुनिकता का कटु सत्य।

धन्यवाद !

याद आने पर याद नही करतें ,
फ़ुरसत से करते है ।
कौन किसका इंतजार करता है ,,
सब बारी के फ़िराक में रहते है

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