Comments (7)
Jaikrishan Uniyal
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13 May 2020 08:29 AM
धन्यवाद, अशोक जी, वह भोगने को विवश हैं और हम व्यक्त करने को, परन्तु समाधान कहां है, पता नहीं?
Jaikrishan Uniyal
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13 May 2020 08:26 AM
धन्यवाद श्याम सुंदर जी, कोशिश की है कितना अहसास करा पाया हूं, मालूम नहीं,बस प्रयास किया है।
12 May 2020 07:41 PM
मजदूरों की विवशता पर भावपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
Jaikrishan Uniyal
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12 May 2020 04:44 PM
धन्यवाद, व्यवस्था ही जब ऐसी बनी हो,
तो इस तरह व्यथा कथा ऐसे ही रहेंगी।
काश हमारी आवाज उन तक पहुंचे. उत्तम रचना