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रूठे हुए अपने शायद हैं असीफ़ मान भी जाएंगे ज़रा सा मनाने से ।
बेहतर पेशकश ।
रूठे हुए अपने शायद हैं असीफ़
मान भी जाएंगे ज़रा सा मनाने से ।
बेहतर पेशकश ।