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नरेश, जी, आपके द्वारा व्यक्त रचना में इतना सच है कि छुपाए नहीं छुप सकता, और मेरे अनुसार आप गागर में सागर की उक्ति के पर्याय हो, बहुत सुंदर भाव है।
शुक्रिया आदरणीय
यथार्थ को प्रकट करती भावपूर्ण प्रस्तुति।
धन्यवाद !
नरेश, जी, आपके द्वारा व्यक्त रचना में इतना सच है कि छुपाए नहीं छुप सकता, और मेरे अनुसार आप गागर में सागर की उक्ति के पर्याय हो, बहुत सुंदर भाव है।
शुक्रिया आदरणीय