Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (1)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

पुत्र अपने माता-पिता से विमुख होकर बंधन मुक्त हो सकता है।
परन्तु उनके स्नेह और उसके प्रति उनके त्याग से कभी उऋण नहीं हो सकता।

धन्यवाद !

Loading...