You must be logged in to post comments.
शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है। लब तक आते आते सागर छूट जाता है।
श़ुक्रिया !
शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है।
लब तक आते आते सागर छूट जाता है।
श़ुक्रिया !