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7 May 2020 08:01 AM

गरीबी ही टूटता हुआ सपना है ।
धन्यवाद!

हार्दिक आभार

मुफ़लिसों को सपने भी हस़ीन नसीब नहीं होते हैं
उनको सपने में भी दो रोटी और फैले दो हाथ ही नजर आते हैं।

श़ुक्रिया !

हार्दिक आभार

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