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शक्ल़ फिरती है निगाहों में वही प्यारी सी।
मेरी नस नस में मचलने लगी चिंगारी सी।
छू गई जिस्म़ मेरा किसके दामन की हवा।
कहीं ये तुम तो नहीं , कहीं ये तुम तो नहीं।

श़ुक्रिया !

6 May 2020 10:27 PM

शुक्रिया जनाब ।

सुंदरतम् अभिव्यक्ति आदरणीय!–?

6 May 2020 10:28 PM

बहुत धन्यवाद महोदय ।

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