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Comments (22)

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पत्रकार नहीं पक्षकार
सटीक कहा है सर, अभिवादन स्वीकार करें

6 May 2020 09:47 PM

Perfect lines ??

आपका आभार अनित्य जी।

6 May 2020 06:32 PM

पहले न्यूज बताई जाती थी, फिर न्यूज़ समझाई जाने लगीं परंतु अब न्यूज़ बनाई जाने लगी है।।
बहुत सार्थक लेख।
अगले लेख का बेसब्री से इंतेज़ार रहेगा, लेखक महाशय।।

वर्तमान मे पत्रकार,पत्रकार कम और किसी पार्टी विशेष के प्रवक्तता ज्यादा लगने लगे हैं..जो एकपक्षीय हो चुके हैं तथा चाटुकारिता को ही अपना धर्म समझने लगे हैं।
ज्यादातर पत्रकार अपने खुद के विचारों को सभी पर थोपने की कोशिस करते हैं…
सरकार की अच्छी नीतियों की सराहना के साथ साथ पत्रकारिता का मूल गुण सत्ता प्रतिष्ठान के प्रति आलोचनात्मक दृष्टि रखना है।सत्ता की चाटुकारिता करने को दूसरे आसान शब्दों में दलाली कहा गया है..।।
जब तक सत्ता पक्ष की कमियों पर बात नही करेंगे और विपक्ष के तर्कों को स्थान नही मिलेगा हमारा लोकतंत्र कभी परिपक्व नही हो सकता है।

6 May 2020 04:19 PM

अति सुंदर लेख।

Thanks umesh ji

अतिउत्कृष्ट लेख।

थैंक्स,आपके आगमन की प्रतीक्षा में है ।

6 May 2020 01:34 PM

Adhbhut lekhn mitra

Thanks shubh ji

पत्रकारिता को सच्चाई का आइना दिखाया है आपने। ठगी करने वालों के लिए मुंहतोड़ जवाब। परिपक्व लेखन

जी ,जो छपकर कर बिकते थे,अब बिककर छपते हैं ।

6 May 2020 09:54 AM

साहित्य समाज का दर्पण हैं।

जी,सत्य।

6 May 2020 09:40 AM

पत्रकारिता तो आज कल अनपढ़ गंवार गुंडे मवाली भी कर रहे हैं जो कुकुरमुत्तों की तरह गली गली में उगकर न्याय के चौथे स्तंभ माने जाने वाले प्रतिष्ठित मीडिया को कलंकित कर रहे हैं।

जी,चौथा खम्भा अब चौथा धंधा।

आपकी प्रतिक्रिया से अभिभूत हुआ मैं। चौथा धंधा??

6 May 2020 09:38 AM

दिल की अनंतिम गहराइयों से कभी ऐसा लेख लिखना चाहता था पर कभी मौका नहीं मिला। पर आज आपकी लेखनी ने जैसे मेरे हृदय की हर बात बिना सुने ही का डाली हो। अत्यंत सुंदर लेख।

अवसर देने वाला सिर्फ इस नश्वर संसार का जनक वो सर्वशक्तिमान है हम सब तो मात्र कीड़े मकोड़े हैं।

आपका प्रेम

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