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इश्क़ की ठोकर से गिर कर भी संभल जाऊंगा मैं। ग़र नज़रों से गिराओगे तो गिरकर ना संभल पाऊंगा मैं।
श़ुक्रिया !
इश्क़ की ठोकर से गिर कर भी संभल जाऊंगा मैं।
ग़र नज़रों से गिराओगे तो गिरकर ना संभल पाऊंगा मैं।
श़ुक्रिया !