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संस्कारी व्यक्ति का चरित्र कीचड़ में कमल की तरह रहता है। अपनी खुद की नजरों में गिरने से अधिक मृत्यु तक को वरण करना पसंद करता है।
धन्यवाद !
बिल्कुल सत्य कहा आदरणीय…✍️
संस्कारी व्यक्ति का चरित्र कीचड़ में कमल की तरह रहता है।
अपनी खुद की नजरों में गिरने से अधिक मृत्यु तक को वरण करना पसंद करता है।
धन्यवाद !
बिल्कुल सत्य कहा आदरणीय…✍️